बदलती टेक्नोलॉजी के साथ-साथ मनुष्य की बुद्धि भी विकसित होने लग गयी फलस्वरूप और अधिक नई तकनिकी का विकास होने लग गया इसी बदलती दुनिया में कंप्यूटर प्रोग्रामिंग की भषाओ का भी विकास रुका नहीं और आज भी नई-नई कंप्यूटर की भाषा बनाई जा रही है|
लेकिन शायद आप नहीं जानते हो की कंप्यूटर प्रोग्रामिंग भाषा क्या होती है (Programming Language Kya Hai) अगर आपकी कंप्यूटर के विषय में रूचि है , तो आपको कंप्यूटर की प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के बारे में जानना ही चाहिये इससे आपको कंप्यूटर साइंस को समझने में बहुत आसानी हो जायेगी|
तो चलिये बात करते है की कंप्यूटर की प्रोग्रामिंग लैंग्वेज क्या होती है? और यह कितने प्रकार की होती है?
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Programming language Kya Hai
कंप्यूटर में जो भी कार्य किया जाता है वह किसी न किसी सॉफ्टवेयर या प्रोग्राम के द्वारा ही होता है| कंप्यूटर में ये सॉफ्टवेयर विशेष कोड को लिख कर बनाये जाते है| इन कोड को लिखने का जो तरीका होता है उसे हम प्रोग्रामिंग लैंग्वेज कहते है|
प्रोग्रामिंग भाषाओ को बनाया जाता है और इनको बनाने का एक मात्र उद्देश्य इच्छानुसार मशीनो या उपकरणों से काम करवाना|
जैसे कैलकुलेटर में हम जोड़, घटाव, गुणा, भाग आदि करते है, तो यह भी एक प्रोग्राम के द्वारा ही होता है जो किसी न किसी प्रोग्रामिंग भाषा में बनाया जाता है|
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कंप्यूटर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को सॉफ्टवेयर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज भी कहा जाता है क्योंकि ये भाषाये सॉफ्टवेयर बनाने के लिये ही प्रोयोग की जाती है| सॉफ्टवेयर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में सॉफ्टवेयर को छोटे – छोटे कोड द्वारा लिख कर बनाया जाता है|
ये छोटे -छोटे कोड Instruction (निर्देश) कहलाते है जो कंप्यूटर समझता है इन्ही निर्देशों के अनुसार कंप्यूटर किसी इवेंट पर कार्य करता है और हम भी कंप्यूटर को Event के द्वारा ही चलाते है|
Types Of Programming Languages- प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के प्रकार
जैसे-जैसे जरूरते बढ़ती गई उसी के अनुसार अविष्कार भी होते गए कंप्यूटर में सभी प्रकार के कार्यो को करने के लिये किसी एक प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में बहुत ही जटिल होता था जिसके फलस्वरूप प्रोग्रामिंग भाषाओं का विकास होने लगा
अभी आपको बता दे की वर्तमान में लगभग 2500 से अधिक सॉफ्टवेयर प्रोग्रामिंग की भाषाये है जिनका प्रयोग अलग प्रकार के एप्लीकेशन/सॉफ्टवेयर डिजाईन करने के लिये किया जाता है|
अलग-अलग आधार के अनुसार प्रोग्रामिंग भाषाएँ भी अलग-अलग भागों में विभाजित कि गयी है|
क्षमता और जनरेशन के आधार पर प्रोग्रामिंग भाषाओं को तीन भागों में बाटा गया है|
- Low-Level Programming Language
- Assembly Language
- High-Level Programming Language
प्रोग्रामिंग की विधि (programming paradigm) के आधार पर इन्हें तीन भाग में विभाजित किया गया है|
- Imperative programming languages
- Structured Programming Languages
- Object-Oriented Programming Languages
- Functional programming languages
- Logical programming languages
Low-Level Programming Languages
ये भाषाएँ कंप्यूटर प्रोसेसर के बहुत करीब होती है ये लैंग्वेज बहुत ही फ़ास्ट कार्य करती है लेकिन इनमे ग्राफिकल यूजर इंटरफ़ेस नहीं होता है| ये अधिकतर अंको के आधार पर कार्य करती है जो मनुष्यों को कम समझ में आते है|
इन कोड्स को मशीने आसानी से समझ जाती है ये कोड्स मेमोरी के रजिस्टर में सेव होते है|
Low-Level प्रोग्रामिंग भाषा कई केटेगरी में मशीन भाषा या बाइनरी लैंग्वेज आती है|
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Machine Language
यह कंप्यूटर के सबसे प्रथम और सबसे से करीबी भाषा है यही भाषा है जिसे कंप्यूटर या कोई भी डिजिटल उपकरण समझता है|
मशीन भाषा में सिर्फ दो अंक होते है 0 (शून्य) और 1 (एक) कोई भी मशीन इन दो अंको को ही समझती है साधारण भाषा के शब्द पहले तो मशीन कोड में बदलते है उसके बाद ही यह कोड, मशीन भाषा है|
जैसे अगर हम कंप्यूटर में कीबोर्ड से “A” letter टाइप करते है तो कंप्यूटर “A” नहीं समझता है कंप्यूटर में “A” letter को system लैंग्वेज के द्वारा मशीन Code (बाइनरी कोड) में कन्वर्ट करके समझाना पड़ता है|
यह “A” letter पहले तो इसके डेसीमल कोड में कन्वर्ट होता है उसके बाद इसका डेसीमल कोड, बाइनरी कोड में कन्वर्ट होता है|
जिसे ‘A’ letter का डेसीमल कोड ’65’ है और बाइनरी कोड “01000001” होता है इसी प्रकार ‘B’ लैटर का डेसीमल कोड ’66’ है और बाइनरी कोड ‘01000010’ है
इसी परकार अन्य शब्दों (Letters) का बाइनरी कोड होता है और कंप्यूटर इन्ही बाइनरी कोड को समझता है|
सभी प्रकार की प्रोग्रामिंग भाषा में लिखा गया कोड मशीन भाषा में बदलता है|
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Assembly Programming Language Kya hai
असेंबली लैंग्वेज में अंको का उपयोग नहीं किया जाता है इसमें special symbol या word का यूज़ प्रोग्राम को लिखने के लिये किया जाता है|
Assembly Language में लिखे गये इन स्पेशल कोड को “नेमोनिक” कोड कहते है इसमें Translation के लिये (Tran), Jump के लिये (JMP), Load के लिये (LDA), इसी प्रकार ADD, SUB आदि प्रकार कोड लिखे जाते है|
Tran(Translation), JMP(Jump), LDA यानी ( Load ) ADD, SUB
असेंबली भाषा में लिखा गया कोड भी मशीन भासा में कन्वर्ट होता है| क्योंकि मशीन को तो बाइनरी भाषा ही समझ आती है|
High-Level Programming Language kya hai
हाई लेवल प्रोग्रामिंग भाषा भी बैकग्राउंड में low-level प्रोग्रामिंग लैंग्वेज की तरह ही काम करती है लेकिन यह भाषा विशिष्ट होती है| इसकी सहायता से कंप्यूटर को अधिक सरल बनाया गया है| इसमें लिखे जाने वाले सोर्स कोड हाई लेवल टाइप के होते है|
हाई लेवल प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के सोर्स कोड कम्पाइलर या इंटरप्रेटर द्वारा प्रोसेस होते है इसलिए इनको हाई लेवल लैंग्वेज कहा जाता है|
इसमें लिखे गये कोड्स के सिंटेक्स आसानी से समझ में आ जाते है इन प्रोग्रामिंग भाषाओ में किसी भी सॉफ्टवेयर को डेवेलप करना बहुत है सरल होता है|
इनमे बनाये सॉफ्टवेयर फ़ास्ट चलते है| इन्हें थर्ड जनरेशन की प्रोग्रामिंग लैंग्वेज भी कहा जाता है|कुछ हाई लेवल भाषाओ में ड्रैग एंड ड्राप का फीचर भी होता है जो इनको और अधिक विश्वशनीय बना देता है|
हाई लेवल प्रोग्रामिंग भाषा के उदाहरण (Examples of high level programming languages)
वैसे हाई लेवल प्रोग्रामिंग लैंग्वेज तो बहुत सारी है लेकिन हम आपको कुछ महत्वपूर्ण प्रोग्रामिंग लैंग्वेज की लिस्ट बता रहे है जो अधिकतर उपयोग होती है|
इनमे से कुछ भाषाओ को डेस्कटॉप एप्लीकेशन को डेवेलोप करनें के लिए बनाया गया है और कुछ प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का यूज़ वेब एप्लीकेशन जैसे वेबसाइट आदि एवं कुछ प्रोग्रामिंग लैंग्वेज डाटा बेस के साथ काम करने के लिए देवेलोप
- C++
- C#
- JAVA
- JAVASCRIPT
- VB.NET
- OBJECTIVE C
- PHP
- PASCAL
- COBOL
- PYTHON
- PERL
- SWIFT
- FORTRAN
हमारी इस पोस्ट से आप जान ही गये होंगे की Programming Language Kya Hai लेकिन फिर भी आपके इस पोस्ट से सम्बंधित कोई भी प्रश्न हो तो कृपया कमेंट बॉक्स में मेसेज करके बताये|
हमारी पोस्ट में आपका कीमती समय बिताने के लिये आपका दिल से-
धन्यवाद्
सिखों सिखाओं, देश को आगे बढाओं!