Content List
Introduction Of Internet
इन्टरनेट तो हम सभी चलाते है लेकिन Internet Kya Hai इन्टरनेट कैसे चलता है और किस प्रकार से काम करता है यह तो बहुत ही कम लोग जानते है| क्या आप जानना चाहते हो What is Internet (इन्टरनेट क्या है) इन्टरनेट कितने प्रकार से चलता है|
इन्टरनेट के आने से हमारी लाइफ बहुत ही आसान हो गयी है खासकर इनफार्मेशन और कम्युनिकेशन के मामले में साथ ही इंटरनेट ने पैसा कमाने के बहुत सारे रास्ते खोल दिये है|
आज इन्टरनेट का उपयोग बहुत ही ज्यादा बढ़ गया है छोटे से लेकर बढ़े सभी लोग इसका यूज़ करने लग गये है|
लेकिन अगर आप एक स्टूडेंट हो तो इन्टरनेट के उपयोग के साथ-साथ आपको इसकी जानकारी होना भी जरुरी है|
इन्टरनेट क्या है– What is Internet in Hindi
इन्टरनेट एक बहुत ही बड़ा नेटवर्क है जिसमे बहुत सारे विभिन्न कंप्यूटर सिस्टम आपस में जुड़े हुए है यह सभी सर्वर कंप्यूटरों का एक Connection है|
यही यही नेटवर्क conneection media कहलाता है जो लोग इस नेटवर्क को एक्सेस कते है वे इसमें घुसते ही चले जाते है|
इन्टरनेट ही एक ऐसा माध्यम जिसके द्वारा किसी भी इनफार्मेशन को digitally एक स्थान से दुसरे स्थान तक आसानी से ट्रान्सफर किया जाता है|
इन्टरनेट कुछ नहीं है यही सिर्फ अलग-अलग के डेटा और इनफार्मेशन का आदान प्रदान है जो किसी Wire या Wireless माध्यम से किया जाता है|
इन इनफार्मेशन और डाटा को ट्रान्सफर करने के लिए सर्वर और router का उपयोग किया जाता है सर्वर भी एक प्रकार के कंप्यूटर ही होते है जिनमे बहुत अधिक capacity होती है डाटा स्टोर करने की|
यही सर्वर इन्टरनेट पर राऊटर क माध्यम से डाटा उपलब्ध करवाते है|
यह भी पढ़े:-
इन्टरनेट का मतलब- Internet Meaning In Hindi
वैसे तो हम सभी इसको इन्टरनेट के नाम से जानते है लेकिन यह इसका असली नाम नहीं है इसकी उत्पत्ति “Internetworked” से हुई है|
इन्टरनेट का हिंदी Meaning अंतरजाल होता है मतलब की एक जाल जिसमे विभिन्न प्रकार की जानकारियां समाहित है|
जब भी किसी यूजर को कोई जानकारी प्राप्त करना होता है इन्टरनेट वह इनफार्मेशन यूजर को प्रोवाइड करवा देता है|
इसलिये इन्टरनेट Client और सर्वर के बिच सुचना को आदानप्रदान करने के माध्यम है यही इंटरनेट का मतलब है|
इंटरनेट का पूरा नाम क्या है-what is the full form of internet
इन्टरनेट का हिंदी में नाम तो अंतरजाल है लेकिन इन्टरनेट का फुल फॉर्म (Full form of internet is “Interconnected Network.”)
interconnect मतलब अन्दर ही अन्दर कनेक्शन| इसको www या World-Wiled-Web भी कहा जाता है|
इन्टरनेट का आर्किटेक्चर- internet architecture
इन्टरनेट का आर्किटेक्चर टेक्नोलॉजी के साथ ही चल रहा है और यह टेक्नोलॉजी के साथ साथ ही चेंज होता जा रहा है जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी का विस्तार होता जा रहा है इन्टरनेट की दुनिया भी उतनी ही बड़ी होती जा रही है|
इन्टरनेट के architecture में तीन स्तरों या 3 भागों में बाटा गया है|
Backbone ISP (Internet Service Provider)
इसको इन्टरनेट सर्विस प्रोवाइडर कहा जाता है इसी के द्वारा इन्टरनेट चल पाता है यह एक कंपनी हो सकती है जो इन्टरनेट की सुविधा उपलब्ध करवाती है यह डाटा सेण्टर भी हो सकता है इसको Backbone ISP भी कहा जाता है|
यह world wiled internet service provider होता है मतलब यह पूरी दुनिया में इन्टरनेट का सुविधा प्रदान कर सकता है|
Regional ISPs
यह भी एक Internet service provider ही है लेकीन यह एक region या क्षैत्र में भी इन्टरनेट की सुविधा उपलब्ध करवाता है इसका एरिया Backbone ISP से कम होता है लेकिन इन्टरनेट यूजर के लिये Internet service access करने की अनुमति यहीं से मिलती है|
Clients
यही एक यूजर के काम का होता है जिसके द्वारा यूजर इन्टरनेट को एक्सेस करता है| Internet Client या वह device होता है जिस पर internet चलाया जाता है जैसे आपका मोबाइल, कंप्यूटर, डिजिटल टीवी आदि कुछ भी|
इसे हम client server भी कहते है इसका एक IP Address होता है जो कभी नहीं बदलता है इसके द्वारा कोई भी सर्वर से डाटा router की मदद से यूजर डिवाइस में भेजा जाता है|
इन्टरनेट कैसे काम करता है- How Does Internet Work in hindi
जैसा की सभी जानते है की इन्टरनेट के लिये मोबाइल की सीम में internet data pack recharge करवाना पडता है जिससे इन्टरनेट चलता है और यह इन्टरनेट मोबाइल के टॉवर से आता है|
आपका यह सोचना काफी हद तक कम ही सोचना है क्योंकि इन्टरनेट की दुनिया इससे बड़ी है हम जो इन्टरनेट उपयोग करते है वह Internet Connectivity बाद में wireless बनती है उसके पहले वह केबल के द्वारा ही एक स्थान से दुसरे स्थान तक पहुंचता है|
यह Internet का मायाजाल बहुत बड़ी-बड़ी Optical Fiber Cable के माध्यम से बनता है| ये ऑप्टिकल फाइबर केबल समुन्द्र में एक देश से दुसरे देश तक जुडी होती है इसी केबल के द्वारा एक देश से दुसरे देश में इन्टरनेट को शेयर किया जाता है|
Internet Transmission की यह प्रोसेस तीन कंपनियों से होकर गुजरती है जिन्हें हम Tier 1,Tier 2, and Tier 3 कंपनी कह सकते है|
Tier 1: ये वे कम्पनिया है जो इन्टरनेट को कण्ट्रोल करती है और सभी Data Center को आपस में Optical Fiber Cable की मदद से लिंक करती है|
इन सभी डाटा सेण्टर में सर्वर होते है जिनमे सभी जानकारियाँ और विभिन्न प्रकार के डाटा होते है|
Tier 2: ये दुसरे स्तर की कंपनिया है जो Tier 1 कंपनियों से डाटा बहुतसारा (bulk) में डाटा खरीदती है और उस डाटा को इन्टरनेट के माध्यम से अपने उपभोक्ता या यूजर तक चार्ज लेकर पहूँचाती जिसे हम Data Pack, Net Pack या Internet balance कहते है|जैसे:- Jio, Airtel, Idea, Vodafone आदि|
Tier 3: ये कंपनिया भी tier 2 कंपनियो की तरह ही होती है लेकिन ये छोटी होती है और किसी region या एक विशिष्ट क्षेत्र में ही nternet service provide करती है|
हम भी अपनी टेलिकॉम कंपनी चालू कर सकते है और किसी विशिष्ट एरिया में इन्टरनेट सेवा का बिज़नस कर सकते है लेकिन इसके लिये बहुत पैसा लगता है|
हम तक इन्टरनेट कैसे पहुँचता है:
जब सभी Tier 2 या Tier 3 कम्पनियां, Tier 1 (इन्टरनेट सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों) से डाटा खरीदती है तो यह डाटा उनके सर्वर से ऑप्टिकल फाइबर केबल से उनके डाटा सेण्टर पर आता है|
डाटा सेण्टर से ये कंपनिया डाटा को अपने सभी लोकल एरिया के टावर पर केबल के माध्यम से भेजती है अब यह tower अपने-अपने नेटवर्क के अनुसार डिवाइस से जुड़ जाते है
जैसे:- मोबाइल या कंप्यूटर उसके बाद अगर यूजर के डिवाइस में डाटा पैक होता है तो वह उस टावर के माध्यम से इन्टरनेट उपयोग कर सकता है|
जैसे: हमने ब्राउज़र के अन्दर गूगल में कुछ सर्च करते है तो google अपने डाटा सेण्टर में उपस्थित सर्वर में वह जानकारी देखेगा उसके बाद वह उस डिवाइस के IP Address पर सेंड कर देगा जिस पर इन्टरनेट उपयोग किया जा रहा है|
गूगल से उतना ही डाटा मोबाइल या कंप्यूटर में ट्रांसमिट किया जायेगा जितना data या data pack हमने Tier 2 कंपनी से ख़रीदा है|
इसी प्रकार सभी तरह से इंटरनेट चलता है हम मोबाइल पर बात करते है वह भी इन्टरनेट का ही एक पार्ट है|
इंटरनेट का मालिक कौन है- Who Is Owner Of Internet
वैसे तो इन्टरनेट का मालिक कोई भी नहीं है क्योंकि इसको चलाने वाला इस दुनिया कोई एक व्यक्ति नहीं है सभी लोग इन्टरनेट का उपयोग करते है|
इसलिये सभी इन्टरनेट के मालिक हो सकते है लेकिन फिर भी यह इन्टरनेट कुछ बड़ी संस्थाओं या कंपनियों और सरकारों के माध्यम से चलता है इसलिये इसके सभी मालिक है|
इन्टरनेट एक डाटा है और यही डाटा पैसा देकर कोई भी एक्सेस कर सकता है एक कंपनी डाटा बेचती है तो दूसरी कंपनी डाटा खरीदती है और खरीदकर यूजर को देती है एवं यूजर से पैसा चार्ज करती है|
इसलिये यही कहा जा सकता है की इन्टरनेट का कोई मालिक नहीं है और दुसरे द्रष्टिकोण से इसके सभी लोग मालिक है|
इंटरनेट का इतिहास- History of Internet in Hindi
जैसा की हमने जाना इंटरनेट कंप्यूटर नेटवर्क का एक महाजाल है लेकिन प्रारम्भ में यह जाल बहुत ही छोटा था जैसे-जैसे तकनिकी का विकास होता गया, इंटरनेट का यह जाल भी अपना विस्तार करता गया|
इंटरनेट की सुरुवात सन 1960 से शुरू हो चुकी थी तब इसका नाम “ARPANET” (Advance Research project Agency) रखा गया था इसमें केवल 4 कंप्यूटर का ही नेटवर्क था|
उस समय अमेरिका के रक्षा विभाग ने गोपनीय सूचनाओं को अपने सैनिकों में बिना किसी परेशानी और गुप्त तरीके से पहुचाने का कार्य किया था| जब इसके फायदे दिखने लगे तो इस टेक्नोलॉजी का और अधिक विस्तार किया गया|
सन 1969 में टिन बर्नर्स ली ने इंटरनेट का विकास किया| सन 1971 अमेरिका में सबसे पहला ईमेल रे टामलिंसन नामक इंजिनियर ने कैम्ब्रिज नामक जगह पर एक ही कमरे में रखे 2 कंप्यूटरों के बिच भेजा|
इस समय लगभग 37 कम्पुटरो का नेटवर्क बन चूका था और इसको उपयोग करने वाले लोगो के लिये इसका नाम टेलनेट रखा गया|
सन 1982 तक इंटरनेट में कुछ नियम बनाये गए जिसमे TCP and IP, TCP (Transmission Control Protocol) And IP (Internet Protocol) भी शामिल हो चुके थे|
1990 में arpanet को expand करके Network of Network के फॉर्म में इन्टरनेट ने जन्म लिया|
आज के समय में इंटरनेट पर लाखों करोडो कंप्यूटर का नेटवर्क बन चूका है| भारत में VSNL (Videsh Sanchar Nigam Limited) द्वारा इंटरनेट की सेवा को distribute किया जाता है|
यह तो इन्टरनेट का संक्षिप्त इतिहास है इन्टरनेट का इतिहास इससे भी बहुत बड़ा है|
What are TCP And IP In Hindi
जैसा की हम जानते है की इंटरनेट का विकास बढ़ने के साथ-साथ इसमें कुछ नियम और शर्ते भी लागू होने लग गयी लेकिन इन नियम और शर्तो को किसी प्रोटोकॉल सिस्टम के द्वारा ही लागू कर पाना संभव होता है|
इस यही प्रोटोकॉल सिस्टम IP और TCP के द्वारा चलता है लेकिन ये IP/TCP क्या होता है
आइये इसकी जानकारी लेते है-
IP Address क्या है- What Is Internet Protocol In Hindi
इंटरनेट प्रोटोकॉल शायद इसके बिना आज का इन्टरनेट अधुरा है क्योकि यह भी इन्टरनेट का एक पार्ट है लेकिन IP Address क्या है? और यह इंटरनेट में कैसे काम करता है?
IP का फूल फॉर्म Internet Protocol है इसके नाम से ही पता चलता है की यह इंटरनेट की मूललिपि या रिपोर्ट होती है|
IP address किसी भी device का एक Unique identify Number होता है जो किसी भी डिवाइस को अन्य डिवाइस से कनेक्ट होने में मदद करता है|
IP Address बिलकुल Aadhar नंबर की तरह होता है आधार नंबर में व्यक्ति की सभी जानकारी जैसे नाम, फोटो और एड्रेस आदि होता है, उसी प्रकार IP Address भी किसी डिवाइस का आधार नंबर है इसी के द्वारा किसी डिवाइस की जानकारी हासिल की जाती है|
जब दो device, internet पर आपस में connect होते है तो उनके बीच सूचनाओं का आदान-प्रदान IP Address के माध्यम से होता है|
जैसे अगर आपने इन्टनेट पर कोई वेबसाइट open की है तो उसका सर्वर आपके मोबाइल का IP Address प्राप्त करेगा और उस पर डाटा सेंड करेगा|
TCP क्या है- What is Transmission Control Protocol In Hindi
जैसा की हमने जाना की IP Address के द्वारा दो अलग डिवाइस के बीच कनेक्शन और कम्युनिकेशन स्थापित हो पाटा है|
इसी प्रकार TCP सिस्टम को IP के साथ कार्य करने के लिये बनाया गया| TCP का फूल फॉर्म Transmission Control Protocol है
अतः इसके द्वारा किसी भी सुचना या डाटा के ट्रांसमिशन को कण्ट्रोल करने का काम किया जाता है|
TCP का मुख्य कार्य डाटा या सूचनाओ.को छोटे-छोटे पैकेट में विभाजित करना और इन्टरनेट पर ट्रांसमिट कर देना|
जब TCP के द्वारा डाटा या सुचना पैकेट के रूप इन्टरनेट में ट्रांसमिट की जाती है तब उसके बाद IP सिस्टम शुरु होता है|
IP सिस्टम से यह डाटा और सुचना को निश्चित एड्रेस पर पहुँचाता है जहाँ पर इस सुचना को भेजना है|
तो अंत में यही की TCP डाटा के छोटे पैकेट बनाता है और इन्टरनेट पर भेजता है और IP इस सुचना को IP Address के अनुसार उस डिवाइस पर भेज देता है|
इंटरनेट के प्रकार- Types of Internet In hindi
वैसे तो ऑनलाइन का सारा सिस्टम ही इन्टरनेट कहलाता है लेकिन काम, एरिया और कार्यविधि के अनुसार यह तीन अलग-अलग नाम से जाना जाता है|
- Internet
- Intranet
- Extranet
इंटरनेट क्या है- What is Internet
अभी हम जो भी इन्टरनेट उपयोग करते है वह एक पब्लिक नेटवर्क है इसे कोई भी चाहे जहाँ से एक्सेस कर सकता है इसको एक्सेस करने के लिये किसी भी प्रकार से लॉग इन सिस्टम की आवश्यकता नहीं है|
यह एक ओपन प्लेटफार्म है इन्टनेट का लेकिन इसके आलावा भी अलग इन्टरनेट होता है|
इंट्रानेट क्या है- hat Is Intranet
इंट्रानेट भी इन्टरनेट की तरह ही है लेकिन यह एक प्राइवेट नेटवर्क है जिसे एक्सेस करने के लिये लॉग इन सिस्टम की आवश्यकता होती है|
हर कोई व्यक्ति इंट्रानेट चलाने के लिये authorized नहीं है यह कोई प्राइवेट संस्थान यह कंपनी के अन्दर चलता है|
इंट्रानेट में किसी कंपनी के साड़ी डिटेल और इनफार्मेशन होती है जिसे सिर्फ उस कंपनी के कर्मचारी ही एक्सेस करते है|
इंट्रानेट में भी सूचनाये इन्टरनेट के तरह ही शेयर की जाती है इसमें भी TCP/IP की जरुरत होती है|
एक्स्ट्रानेट क्या है- What Is Extranet
यह भी इंट्रानेट की तरह ही एक प्राइवेट नेटवर्क है और इसे इंट्रानेट का ही पार्ट कहा जाता है|इसको भी एक्सेस करने के के लिये लॉग इन सिस्टम होता है|
Extranet में इन्टरनेट और इंट्रानेट दोनों नेटवर्क को कनेक्ट करने और दोनों के बीच डाटा शेयरिंग से सम्बंधित कार्य किया जाता है|
इंट्रानेट से प्राइवेट डाटा को पब्लिक करने का कार्य और इन्टरनेट से पब्लिक डाटा को प्राइवेट करने का कार्य एक्सट्रानेट के द्वारा ही होता है|
मतलब इन्टरनेट और इंट्रानेट के बीच जो इन्टरनेट होता है उसे हम एक्सट्रानेट कहते है|
इसका अधिकतर उपयोग दो कंपनियों के डाटा को आपस में शेयर करने के लिये किया जाता है|
difference between internet and intranet
इसे वैसे तो आप ने जान ही लिया की इन्टरनेट क्या है और इंट्रानेट क्या है लेकिन फिर भी इन्टरनेट और इंट्रानेट के बीच अंतर को एक ही जगह पर समझना काफी आसान होता है|
इंट्रानेट और इन्टरनेट में अंतर
No. | Internet | Intranet |
---|---|---|
1 | यह एक फ्री या पब्लिक नेटवर्क है इसको दुनिया का कोई भी व्यक्ति एक्सेस कर सकता है| | यह एक प्राइवेट नेटवर्क है इसे हर कोई एक्सेस नहीं कर सकता है| |
2 | इन्टरनेट को एक्सेस करने के लिये USER ID और पासवर्ड की आवश्यकता नहीं है| | इंट्रानेट को एक्सेस करने के लिये यूजर ID और पासवर्ड की जरुरत होती है| |
3 | यह व्यक्तिगत उपयोग के लिये एक्सेस किया जाता है | इंट्रानेट को कंपनी या प्राइवेट संस्थानों में उपयोग करते है| |
4 | इसका डाटा पब्लिक रहता है जिसे हर कोई देख सकता है| | इसका डाटा प्राइवेट होता है जिसे कंपनी के मालिक और कर्मचारी को ही देखने की अनुमति होती है| |
5 | इन्टरनेट चलाने का उद्देश्य कुछ भी हो सकता है इसमें मनोरंजन, बिज़नस, आदि किसी भी कार्य के लिये उपयोग किया जाता है| | इंट्रानेट को उपयोग करने का उद्देश्य ही बिज़नस prupose के लिये किया जाता है| |
6 | इसमें लाखों करोड़ो कंप्यूटर का नेटवर्क होता है | यह कम या एक लोकल नेटवर्क होता है जिसमे सिर्फ संसथान या कंपनी के कंप्यूटर जुड़े हुए होते है| |
7 | इसमें सूचानाओ के आदान प्रदान के लिये TCP और IP Address का सहारा लिया जाता है | इसमें भी डाटा शयेर करने के लिये TCP और IP एड्रेस का सहारा लिया जाता है| |
8 | यह एक World Wild नेटवर्क है | यह एक Local Area नेटवर्क है |
9 | इसमें डाटा की सिक्यूरिटी यूजर के डिवाइस पर निर्भर होती है | इसमें सिक्यूरिटी कंपनी के security firewall पर निर्भर करती है| |
10 | इंटरनेट बहुत कम safe होता है| | इंट्रानेट बहुत safe होता है| |
इन्टरनेट के फायदे और नुकसान- advantages and disadvantages of internet
वैसे तो इंटरनेट टेक्नोलॉजी के आने से बहुत सारे फायदे है लेकिन फायदे के साथ-साथ कुछ नुकसान भी साथ में आते है इसलिये हम पूरी तरह से यह तो नहीं कह सकते की इन्टरनेट के फायदे ही है कोई नुकसान नहीं है|
आइये जानते है की इन्टरनेट के फायदे और नुकसान (internet advantages and disadvantages) क्या-क्या है|
पहले हम इन्टरनेट के नुकसान क्या है वह जानते है
इंटरनेट के नुकसान- disadvantages of internet
- इंटरनेट का अधिक उपयोग समय को बर्बाद करना है
- internet uses से बच्चे अश्लील कंटेंट देखकर बिगड़ सकते है
- इंटरनेट पर पर्सनल डाटा चोरी होने का खतरा रहता है
- इंटरनेट पर गलत विज्ञापन और धोखाधडी हो सकती है
- सोशल मीडिया पर गलत उपयोग होता है
- लडकियों की फोटो के लिये safety सेफ्टी नहीं है
- लडकियों के साथ सोशल मीडिया पर गलत शोषण हो सकता है
- इसको उपयोग करने के लिये डाटा पैक रिचार्ज करने के पैसे लगते है
- ज्यादा internet surfing से मानसिक विकार हो सकते है
- अधिक use of internet से इसकी लत भी लग सकती है
इंटरनेट के फ़ायदे- advantages of internet
- इंटरनेट के आने से रोजगार के बहुत से रास्ते खुल चुके है
- इंटरनेट से धंदे और व्यापार को एक नई दिशा मिली है
- घर बैठे इन्टरनेट से पैसे कमाये जा सकते है
- घंटो के काम मिनट और सेकंड में होने लग गये है
- छोटे बच्चो को ऑनलाइन के माध्यम पढ़ा सकते है
- शिक्षा के क्षेत्र में बहुत अधिक विकास देखने को मिला है
- ऑनलाइन शोपिंग का ट्रेंड बढ़ गया है
- स्टूडेंट पढाई के साथ-साथ पार्ट टाइम इनकम भी कर सकते है
- मनोरंजन के नये साधन इंटरनेट पर उपलब्ध है
- किसी भी जानकारी को कुछ ही सेकंड में प्राप्त किया जा सकता है
हेलो…दोस्तों हमारा यह आर्टिकल इंटरनेट क्या है What is Internet in Hindi अच्छा लगा होगा अगर आपको इंटरनेट से सम्बंधित कोई प्रश्न है तो आप कमेंट में जरुर बताये|
इन्टरनेट को जितना अपने फायदे के लिये उपयोग करे उतना ही इसके नुकसान के बारे में भी जानकारी ले लेनी चाहिये और इन्टरनेट पर ऑनलाइन से जितना हो सके बचने की कौशिश करे क्योंकि इंटरनेट पर बहुत अधिक फ्रौड काम हो रहा है|
बाकि आप सेफ रहे सुरक्षित रहे यही आशा है|
धन्यवाद्
सिखों सिखाओं, देश को आगे बढ़ाओ!