Software क्या होता है यह कैसे बनता है? What Is Software And Its Types In Hindi

सॉफ्टवेर यह नाम तो आपने सुना ही होगा,क्योंकि जब भी किसी कंप्यूटर की बात होती है तो सॉफ्टवेर का नाम पहले लिए जाता है। वैसे आपको भी नहीं पता की सॉफ्टवेर क्या होता है, तो 2020 में यह आपके लिए जानना बहुत ही आवश्यक है, क्योंकि Technology तेजी से आगे बढ़ रही है।

इसे बढ़ाने के लिए सॉफ्टवेर का बहुत ज्यादा महत्व है, चाहे कंप्यूटर से सम्बन्धीत कार्य हो या किसी कंपनी में बड़ी बड़ी मशीनों के द्वारा काम करवाना हो सभी में सॉफ्टवेर उपयोग होता है, तो चलिये जान लेते है सॉफ्टवेर क्या होता है और यह कितने प्रकार का होता है  What Is Software In Hindi.

आपको इसके बारे में बहुत ही सरलता और आसान भाषा में बताया जाएगा। इसके लिए आपको इस आर्टिकल को शुरू से आखिरी तक पूरा पढ़ना है। आपको सॉफ्टवेर के बारे में सबकुछ समझ में आ जायेगा।

अभी आप ये आर्टिकल जिस पर पढ़ रहे हो वह भी एक सॉफ्टवेर ही है, जिसको हम Web Browser कहते है एवं इसका उपयोग हम केवल Internet चलाने के लिए ही करते है। 

कंप्यूटर या मोबाइल में जो भी काम होते है उन्हें हम Process And Operations कहते है, इन प्रोसेस को Perform करने के लिये जिन Tools की आवश्यकता होती है। उन्हें हम सॉफ्टवेर ही कहते है।

कंप्यूटर में बहुत सारे अलग – अलग सॉफ्टवेर होते है, और इन Software के काम भी अलग – अलग प्रकार के होते है।

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Software Kya Hota Hai Iske Types In Hindi

सॉफ्टवेयर basically एक एप्लीकेशन होता है जो कंप्यूटर या अन्य उपकरण को एक्सेस करने या चलाने के लिये बनाये जाते है सॉफ्टवेयर छोटे भी होते है और बढे भी होते है ये डिजिटल होते है इन्हें सिर्फ देखा जा सकता है| क्योंकि यह सिर्फ डिजिटल डेटा के रूप में होते है|

जो भी फंक्शन और एप्लीकेशन आदि हम मोबाइल या कंप्यूटर या अन्य किसी डिवाइस में देखते है वो सब सॉफ्टवेयर ही होते हिया जैसे हम विडियो गेम खेलते है तो यह गेम भी एक सॉफ्टवेयर ही होता है|

जब हम ATM से पैसे निकालने जाते है तो वहाँ हमसे पिन और withdrawl, saving account, current account आदि option दिखाई देते है यह सब सॉफ्टवेयर ही तो है कैलकुलेटर में जो number होते है वो भी सॉफ्टवेयर ही है ट्रैफिक लाइट्स में जो काउंटिंग चलती है वह भी सॉफ्टवेयर की मदद से होती है चलिए जानते है की परिभाषा के रूप में सॉफ्टवेयर क्या होता है?

सॉफ्टवेर की परिभाषा हिंदी में (Definition Of Software in Hindi)

“सॉफ्टवेर बहुत सारे प्रोग्राम्स का एक संग्रह होता है, जो किसी विशेष Task ,Process या Operation को परफॉर्म करने के लिये कंप्यूटर या दुसरे उपकरणों में उपयोग किया जाता है।”

“Software Is A Set Or Collection Of Many Small Programs, Which Is Used To Perform Various Types Of  Specific Tasks, Process, And Operations In Computer System And Other Devices.”

सॉफ्टवेर की एक और कॉमन परिभाषा है की:- “सॉफ्टवेर का Front-End (दिखने वाला भाग) को केवल उपकरणों में देखा जा सकता है इसे स्पर्श या महसूस नहीं किया जा सकता है”

कंप्यूटर में हम जितने भी काम करते है उनको सॉफ्टवेर की बिना करना असंभव ही है क्योंकि बिना किसी सॉफ्टवेर के कोई भी उपकरण उस प्रकार Dead होता है, जिस प्रकार आत्मा निकल जाने के बाद , मरा हुआ शरीर होता है।

कंप्यूटर में सॉफ्टवेयर के द्वारा अनेक काम होते जैसे:-  Music Playing, Photo Editing, Watching Videos, Playing Video Games, Chatting On Social Media, Suffering Internet, Etc. ये सब काम हम सॉफ्टवेयर के द्वारा ही कर सकते है।

जैसे किसी फोटो को एडिट करना हो तो हम फोटो एडिट करने के लिए फोटोशॉप का उपयोग करते है एवं यदि किसी Song को Remix करना हो तो हम Fl-Studio का उपयोग करते है , इसी प्रकार वीडियो एडिट करने के लिए भी बहुत सारे सॉफ्टवेयर होते है।

सॉफ्टवेयर की आवश्यकता क्या होती है?

जैसा की हम जानते है, कंप्यूटर, Hardware And Software का एक Group है। अगर कंप्यूटर में से Operating System Software को   अलग कर दिया जाये तो कंप्यूटर केवल एक खाली इलेक्ट्रॉनिक डिब्बे की सामान ही रहेगा को कोई काम काम का नहीं होता है।

यह इलेक्ट्रॉनिक का खाली डिब्बा तब तक काम नहीं कर सकता जब तक की इसमें Software Install न किया जाये।

लेकिन इसका मतलब यह नहीं है की कंप्यूटर में कुछ भी काम करने के लिए सिर्फ Operating System Software का ही होना जरुरी है। ऑपरेटिंग सिस्टम सॉफ्टवेयर के आलावा भी कुछ अन्य Softwares की आवश्यकता होती है।

उदाहरण के लिये:- अगर हमें एक Latter टाइप करना है या फिर कोई Graphic Chart बनाना हो, या एक Presentation बनाना हो एवं किसी डाटा को Manage करना हो तो हमें इन सभी कामो को करने के लिए

अलग-अलग सॉफ्टवेयर की जरुरत होती है, जिनको हम Application Software कहते है।

सॉफ्टवेयर का Development (विकास) कंप्यूटर को आसान बनाने के लिए किया जाता है, इसलिए आज नए – नए सॉफ्टवेयर बनाये जा रहे है।

कंप्यूटर की 5 सीक्रेट टिप्स एंड ट्रिक्स

किसी भी सॉफ्टवेयर को बनाने के लिए अलग-अलग Programming Languages की आवश्यकता होती है एवं अलग-अलग सॉफ्टवेयर को बनाने के लिए भी अलग- अलग प्रोग्रामिंग लैंग्वेज की जरुरत होती है।

सॉफ्टवेयर कैसे काम करता है? (Working Of  Software In Hindi)

जब कंप्यूटर चालू होता है तो सबसे पहले सॉफ्टवेयर कंप्यूटर में लोड होता है, उसके बाद जो कोड उस सॉफ्टवेयर को बनाने में उपयोग किया जाता है वह Machine Language (मशीन भाषा) या बाइनरी लैंग्वेज में कन्वर्ट होता है उसके बाद ही कंप्यूटर उसे समझता है कंप्यूटर को Machine Language ही समझ आती है।

बाइनरी भाषा में केवल दो ही Character होते है 0 (शुन्य ) और 1 शून्य का मतलब चालू होता है एवं 1 का मतलब बंद होता है जिस प्रकार बाइनरी कोड होता है कंप्यूटर उसी प्रकार से कार्य करता है और किसी भी Task को परफॉर्म करता है।

जैसे अगर हम कंप्यूटर में टाइप करते समय कीबोर्ड से A बटन को दबाते है तो कंप्यूटर में सबसे पहले प्रोसेसिंग होगी जिसमे A को इसके Decimal  Number (डेसीमल नंबर)  में कन्वर्ट किया जाता है, और उसके बाद इस डेसीमल नंबर को Binary संख्या (1000001) में कन्वर्ट किया जाता है।

इसके बाद ही आपको मोनिटर की Screen पर A , Word दिखाई देता है। यह कन्वर्ट करने के Process बहुत ही फ़ास्ट होती है हमें सोचने का समय भी नहीं होता है। अन्य प्रोसेस भी कंप्यूटर में इसी प्रकार होती है। 

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What Is Programming Language

जैसे हमें आपस में Communication (बात करने) के लिए किसी भाषा की आवश्यकता होती है उसी प्रकार से कंप्यूटर या कोई भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण में किसी प्रोसेस को Complete या परफॉर्म करने के लिए कंप्यूटर की भी लैंग्वेज होती है।

कंप्यूटर की भाषा को हम Programming Languages के नाम से जानते है, ये Programming भाषाये कई प्रकार की होती है। 

जैसे:- C, C++, Java, PHP, MySQL,  .Net,  COBOL, Python, Foxpro.

ये सभी Programming Languages है इनके आलावा भी बहुत सारी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज होती है इनकी चर्चा हम आने वाले आर्टिकल में करने वाले है।

सॉफ्टवेयर के प्रकार (Types Of  Software)

वैसे तो कंप्यूटर में बहुत सारे अलग – अलग Softwares का उपयोग किया जाता है, लेकिन Category के आधार पर सॉफ्टवेयर को 3 Category  में Devide किया गया है।

इन 3 तरह की Category को भी अलग-अलग Sub-Category में Devide किया गया है। ज्यादातर Sub-Categories के सॉफ्टवेयर ही उपयोग किये जाते है। 

तो चलिये जानते है की सॉफ्टवेयर कितने प्रकार के होते है।

  1. System Softwares
  2. Application Softwares
  3. Utility Softwares
Software Kya Hai What is Software and Its Types In Hindi

सिस्टम सॉफ्टवेयर क्या है (What Is System Software)

जैसा की नाम से ही पता चलता की System Software सिस्टम से सम्बंधित सॉफ्टवेयर होते है, एक सिस्टम सॉफ्टवेयर वह सॉफ्टवेयर है,  जो Computer Hardware, Softwares, Resources Etc. का Management करता है। यह कंप्यूटर Programs के लिए Normal Features प्रदान करता है।

दूसरे प्रोग्राम या एप्लीकेशन को चलाने के लिए प्रत्येक कंप्यूटर में System Software होना आवश्यक होता है, जो की किसी एप्लीकेशन जैसे: Chrome, Ms-Word, Games, Paint Brush Etc. को चलाने के लिए Background में प्रोसेस करके एक Environment (वातावरण) प्रदान करता है।

इस वातावरण में सिस्टम सॉफ्टवेयर Task को Perform करता है, System Software कंप्यूटर यूजर और कंप्यूटर हार्डवेयर के बीच में एक Interface प्रदान करता है।

System Software को भी 2 कुछ Category में विभाजित किया गया है, ये निम्नलिखित प्रकार के होते है।

  • Operating System Software
  • Language Tanslator

ऑपरेटिंग सिस्टम सॉफ्टवेयर क्या है? (What Is Operating System Software)

अब जैसे की इसके भी नाम से ही पता चलता है की यह ऑपरेटिंग करने वाला सॉफ्टवेयर है, मतलब की यह एक कंप्यूटर में ओपेरटर की भांति कार्य करता है तथा सभी अन्य सॉफ्टवेयर प्रोसेस करके उनको ऑपरेट करता है।

ऑपरेटिंग सिस्टम का कंप्यूटर में बहुत सारे कार्य होते है। जिनके द्वारा ही एक कंप्यूटर सिस्टम पूर्ण हो पता है या यह कह सकते है की इन कार्यो के बिना कंप्यूटर सिस्टम की कल्पना नहीं हो सकती है।

इसलिए जितनी भी Process Background  में होती है उसको  Manage करने काम ऑपरेटिंग सिस्टम का ही होता होता है।

ऑपरेटिंग सिस्टम के क्या -क्या काम है?
  • File Management
  • Process Management
  • Memory Management 
  • Handling Input-Output 
  • Controlling Peripheral Devices 

जैसे अगर हमने कंप्यूटर को किसी फ़ोटो प्रिंट करने के लिये Instruction (निर्देश) दिये तो ऑपरेटिंग सिस्टम यहाँ पर Printer और Computer के बीच में सम्बंध स्थापित करने का कार्य करता है।

List Of Operating Systems Software
  • Linux
  • Windows
  • Mac
  • Apple 
  • Android
  • Ms-Dos
  • Blackberry
  • Ubuntu
  • EssayCorp

आगे आने वाले आर्टिकल में हम इन सब ऑपरेटिंग सिस्टम सॉफ्टवेयर पर Detail में चर्चा करने वाले है।

लैंग्वेज ट्रांसलेटर सॉफ्टवेयर क्या होता है (Language Translator Software in Hindi)

जैसा की हम जानते है की किसी भी सॉफ्टवेयर को बनाने के लिए प्रोग्रामिंग भाषा की आवश्कता होती है। जिसमे हम कोड लिखकर कंप्यूटर को निर्देश देते है या कोडिंग के द्वारा सॉफ्टवेयर का निर्माण किया जाता है, हम जिस भी कार्य के लिए सॉफ्टवेयर को बनाते है।

उस कार्य के अनुसार ही हमें प्रोग्रामिंग भाषा में कोड लिखना पड़ता है, जिसे हम Source Code कहते है। यही सोर्स कोड कंप्यूटर को काम करने के लिए निर्देश डाटा है की क्या टास्क परफॉर्म करना है।

लेकिन कोई भी प्रोग्रामिंग भाषा  Direct (सीधे) कंप्यूटर को समझ में नहीं आती है। इसको हमें कंप्यूटर की भाषा में (Machine Language) Translate करना पड़ता है, और यह कार्य Programming Language Translator के माध्यम से किया जाता है।

लैंग्वेज ट्रांसलेटर प्रोग्रामिंग भाषा के सोर्स कोड को मशीन भाषा (Binary Language) में बदल देता है जो की कंप्यूटर को समझ में आती है।

कुछ Language Tanslator इस प्रकार से है।

लैंग्वेज ट्रांसलेटर के प्रकार – Types Of Language Translators

  • Compiler 
  • Interpreter 
  • Assembler 
  • Debugger 
  • Linker 
  • Loader
कम्पाइलर क्या होता है? (What is Compiler In Hindi)

Compiler सबसे ज्यादा प्रोग्रामिंग भाषओं द्वारा उपयोग किया जाता है,एक कम्पाइलर सोर्स कोड को मशीन कोड में बदलने का कार्य करता है। यह कंप्यूटर की मेमोरी में बहुत अधिक जगह घेरता है, क्योकि यह प्रोग्राम के पुरे कोड को एक ही बार में कन्वर्ट कर देता है।

अगर Compile करते समय कोई Error आती है तो कम्पाइलर Screen पर उस Error या Mistake के बारे में Error-Massage Show कर देता है।

Compiler Executable File को बनाने के लिये Source Code को मशीन कोड में ट्रांसलेट करता है, यह कोड Executable File के Object Code कहलाते है।

प्रोग्रामर इस Executable File को एक कंप्यूटर से दुसरे कंप्यूटर में कॉपी करके इसे उपयोग कर सकते है। Executable File को इंस्टाल करके के ही सॉफ्टवेयर रन होता है।

इंटरप्रेटर क्या होता है? (What Is Interpreter in Hindi)

Interpreter भी Compiler की ही तरह एक Language Translator है, लेकिन यह कम्पाइलर से भिन्न है, क्योंकि कम्पाइलर पुरे प्रोग्राम को एक ही बार में कन्वर्ट या ट्रांसलेट कर देता है। लेकिन Iterpreter के साथ ऐसा नहीं है।

इंटरप्रेटर प्रोग्राम की प्रत्येक Line को बारी-बारी से ट्रांसलेट करता है, और अगर किसी लाइन के अन्दर किसी कोड में Mistake होती है तो Interpreter वहीँ पर Error बता कर सूचित कर देता है।

जब तक की उस Fault या Error को ठीक नहीं किया जाता है Error Massage को Show करता रहता है। एवं Mistakes को सुधारने की Hint भी देता रहता है। 

असेम्बलर क्या होता है? (What Is Assembler in Hindi)

Assembler भी एक लैंग्वेज ट्रांसलेटर है, लेकिन Assembler प्रोग्रामिंग लैंग्वेज की Assembly लैंग्वेज के कोड को मशीन भाषा (0 And 1) में कन्वर्ट करता है।

इसके  आलावा Assembler, High-Level Programming Language के कोड को भी बदलने का कार्य करता है।

Assembly Language के कोड़े को Mnemonic Code कहते है यह कोड इस प्रकार होते है जैसे:- ADD, NOV, SUB आदि ये सब कोड असेंबली भाषा के कोड कहलाते है।

असेंबली भाषा में बहुत सारे कोड होते है ये तो केवल उदाहरण के लिए बताये गए है

डिबगर क्या होता है (What Is Debugger In Hindi)

क्योकि सॉफ्टवेयर को एक प्रोग्रामर या सॉफ्टवेयर इंजीनियर ही बनता है और स्वाभाविक है की ये इंसान है। तो इंसान से तो गलती हो ही जाती है।

जब प्रोग्रामर सॉफ्टवेयर Develop करता है तो उस समय उससे कोई गलती या सॉफ्टवेयर में कोई कमी रह जाती है, जिसे हम Bug कहते है।

और कभी-कभी ये बग सॉफ्टवेयर के लिये Insecure होते है। इसलिए इन्हें ठीक करना बहुत ज़रूरी होता है। क्योंकि इन्ही Bugs का सहारा लेकर Hacker किसी सॉफ्टवेयर एवं वेबसाइट आदि को Hack कर लेते है।

सॉफ्टवेयर या वेबसाइट में से इन Bugs को ढूंडकर पता लगाना और इन्हें ठीक करने की प्रक्रिया Debug कहलाती है।

और जिस सॉफ्टवेयर के द्वारा इस Process को किया जाता है उसे Debugger कहते है।

Debugger, Programming Language में ही In-Built (अन्दर ही बने हुए) होते है।

लिंकर क्या होता है? (What Is Linker In Hindi)

Linker भी प्रोग्रामिंग भाषा के लिये बहुत सहायक टूल है, जैसा की इसके नाम से पता चलता है की यह लिंक करने का कार्य करता है, यह प्रोग्राम के रन होने के समय पर कार्य करता है।

Linker एक ऐसा प्रोग्राम होता है जो कम्पाइलर के द्वारा बनाये गए सभी Objects को Assamble करके उनको Executable File में Convert कर देता है

लिंकर प्रोग्राम्स के Objects And Libraries  दोनों को लिंक करके एक Executable File Create कर देता है 

लिंकर भी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के अन्दर ही जुड़ा होता है। Executable File ही असली सॉफ्टवेयर फ़ाइल होती है।

लोडर क्या होता है (What Is Loader In Hindi)

Loader ऐसा प्रोग्राम है जिसके बिना किसी भी सॉफ्टवेयर को रन करना Impossible होता है, क्योंकि Loader वह प्रोग्राम होता है, जो Linker के द्वारा बनायीं गयी Executable फाइल या सॉफ्टवेयर को रन करने के लिए कंप्यूटर की Memory में Load करता है।

लोड करते समय यह सॉफ्टवेयर के Instruction के लिये Memory Address, Provide करता है। Memory में Load होने के बाद ही Processor सॉफ्टवेयर के निर्देश को Execute कर सकता है।

Generally Loader ओपेराटिंग सिस्टम का ही पार्ट होता है। 

एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर क्या होते है? (What Is Application Software in Hindi)

Application सॉफ्टवेयर वे  होते है, जो किसी विशिष्ट टास्क को परफॉर्म करने के लिये उपयोग किये जाते है। Application सॉफ्टवेयर के द्वारा हम किसी भी काम को हम कंप्यूटर में अपनी इच्छा एवं जरुरत के अनुसार कर सकते है।

Application Software Problem Solving सॉफ्टवेयर भी कहलाते है, क्योंकि ये हमारी बहुत साड़ी Problems को Solve करने के में हेल्प करते है।

ये सॉफ्टवेयर Operating System द्वारा कंट्रोल किये जाते है। आपके कंप्यूटर के Desktop Screen पर जितने भी सॉफ्टवेयर होते हे ये सभी इसी Category में आते है।

इन सॉफ्टवेयर को Apps या Desktop Application भी कहा जाता है। Android System में हम इन्हें Android Application कहते है।

इन सॉफ्टवेयर को कंप्यूटर में Run करने से पहले इनको कंप्यूटर या मोबाइल में इनस्टॉल करना पड़ता है इन सॉफ्टवेयर को उपयोग करके हम बहुत से कार्य आसानी से और जल्दी से कर सकते है।

एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के प्रकार (Types of Application software in Hindi)

  • Graphical Software 
  • Database Software 
  • Web Application Software
  • Word Processing Software
  • Multi-Media Software
  • Education Software

ग्राफिकल सॉफ्टवेयर क्या होता है (What is Graphical Software)

क्योंकि इनको ग्राफ़िक्स के लिये उपयोग किया जाता है इसलिये इनको Graphical सॉफ्टवेयर कहते है। ये सॉफ्टवेयर डिजिटल ग्राफ़िक्स से सम्बंधित काम जैसे : Photo Editing, Video Editing, 3D Printing, Logo Making, Visiting Card, And Graphical Designing आदि के लिए उपयोग किया जाता है।

जितने भी कार्य ग्राफ़िक्स से सम्बंधित होते है ये सभी इन्ही सॉफ्टवेयर के द्वारा किये जाते है। खास कर Photo Processing And एनीमेशन में उपयोग किया जाता है।

Example of graphical Software:

Adobe Photoshop, Adobe Illustrator, Autocad, MS Paint, Camtasia, Coral, Etc. ये सब बेस्ट ग्राफिकल सॉफ्टवेयर है कभी-कभी इन सॉफ्टवेयर को उपयोग करने के लिए कंप्यूटर सिस्टम ग्राफ़िक्स कार्ड की जरुरत भी होती है।

डेटाबेस सॉफ्टवेयर क्या होते है? (Database Softwares in Hindi)

इन Application का उपयोग डाटा को Create करने और डाटा को Manage करने के लिये किया जाता है ये सॉफ्टवेयर Database Management के लिए Perfect And Suitable है।

इन सॉफ्टवेयर को DBMS सॉफ्टवेयर भी कहा जाता है। इनके द्वारा हम डाटा की इनफार्मेशन को Easily Handle कर सकते सकते है And Kisi भी डाटा टाइप को Control कर सकते है और उसे क्रिएट कर सकते है।

Examples Of Database Software

MS Access, MS Excel, FoxPro, QBase, Oracle And  Sysbase ये सभी बेस्ट Database एप्लीकेशन कहे जाते है।

वेब एप्लीकेशन क्या होते है? (Web Browser OR Web Application In Hindi)

ये एप्लीकेशन Mostly वेब पर ही उपयोग किये जाते है इन सॉफ्टवेयर का उपयोग Internet को Access करने के लिये या इन्टरनेट पर किसी फाइल या Data Resources को एक्सेस करने या किसी डाटा को Upload And Download करने के लिये किया जाता है।

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किसी दुसरे Source से वेबसाइट को ओपन करने एवं ऑनलाइन गेम खेलने के लिये इनका उपयोग किया जाता है जितने भी Web Browser होते है वे सभी इसी केटेगरी में आते है।

Example: Google Chrome, Internet Explorer, Mozilla Firefox, Safari, Etc. इन सबको Popular Web Application कहते है।

वर्ड प्रोसेसिंग सॉफ्टवेयर क्या होते है? (Word Processing Software in Hindi)

Word Processing Software का काम Document Create करने के लिये किया जाता है, ये सॉफ्टवेर Text से Related Work करते है इसलिये इनको Word Processing Application कहा जाता है।

ज्यादातर इन एप्लीकेशन का उपयोग Office एवं Typing के कार्य के लिये किया जाता है। क्योंकि यहाँ पर अधिकतर कार्य डॉक्यूमेंट संबंधी ही होते है।

MS-Word सबसे अधिक Use होने वाला एप्लीकेशन है जिसके द्वारा हम किसी डॉक्यूमेंट को Create, Edit, Format, Print And Merge कर सकते है|

इन सॉफ्टवेयर के कारण आज Office Work बहुत ही आसान हो गया है ये इनके उपयोग से Paper And Pen वाला सिस्टम लगभग समाप्त ही हो गया है।

Example: Microsoft Word, MS Excel, NotePad.

मल्टीमीडिया सॉफ्टवेयर क्या होते है? (What Is Multi-Media Softwares in Hindi)

Multimedia Application का उसे, Media के लिये जाता है जैसे Music And Video Play करना, Video Editing And Music Remix करने के लिए इनका उपयोग करते है।

प्रेजेंटेशन के लिए भी Multimedia Software को Use करते है।

Example:- VLC Media Player , Windows Midea Player , Gom Player .

Presentation बनाने एवं दिखाने के लिये Microsoft PowerPoint को Use करते करते है।

Video Mix Software – Moviemaker, Cyber Link Power Director, Adobe Premiere Pro, Wondershare Filmora Etc.

Audio Remix – Fl-Studio, Audiocity, MixPad.

एजुकेशनल सॉफ्टवेयर क्या है (Education Software in Hindi)

ये सॉफ्टवेयर भी Academic Software भी कहलाते है ये ख़ासकर Education Purpose से बनाये जाते है।

इन सॉफ्टवेयर की लिस्ट में Forever Growing Garden, Delta Drawing, Fun School, 3D Indiana, ClueFinder Titles ये सब एप्लीकेशन एजुकेशन को ध्यान में रखकर बनाये गये है।

यूटिलिटी सॉफ्टवेयर क्या होते है? (What Is Utility Software In Hindi)

Utility Software का उपयोग, User की  हेल्प करने और उसके काम को आसान करने लिए होता है, इनकी मदद से कंप्यूटर को एक्सेस करना सरल हो जाता है।

कंप्यूटर को Support एवं Security भी प्रदान करते है इन सॉफ्टवेयर की हेल्प से ही Computer, किसी भी File को Manage, Maintain और Control  कर पाता है।

Operating System के अन्दर ही बहुत से  Utility Application Program, In-Built (Pre-Installed) होते है।

यूटिलिटी सॉफ्टवेर से कंप्यूटर की परफॉरमेंस में इजाफ़ा होता है। ये सॉफ्टवेयर Technical होते है इसलिए अगर कंप्यूटर में थोडा सा Basic Technical Knowledge हो तो इनको Use कर सकते है।

यूटिलिटी सॉफ्टवेयर के प्रकार (Types OF Utility Softwares in Hindi)

  • Anti Virus 
  • Device Drivers 
  • Disk Defragmenter 
  • Disk Scanner 
  • Disk Cleaner 
  • Disk Checker 
  • System Profiler 

एंटी वायरस क्या होता है (What Is Anti-Virus In Hindi)

वैसे देखा जाए तो ये एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर ही होते है लेकिन इन्हें Utility Software की Cetegory में रखा जाता है

ये किसी भी Device में कोई भी हानिकारक फाइल जैसे Virus और Unnesessory Programs आदि से बचने के लिए कंप्यूटर या Device को Secure करता है और उसे Security Provide करता है।

ड्राईवर क्या होते है (What is Device Drivers in Hindi)

ये सॉफ्टवेर भी Operating सिस्टम सॉफ्टवेयर की Category में आते है लेकिन ये भी यूटिलिटी कहलाते है।

Device Driver इनके नाम से ही पता चलता है की ये कंप्यूटर में किसी Device को चलाने या कंप्यूटर से किसी भी Device को Connect करने के लिए Device Driver को इनस्टॉल करना आवश्यक होता है,

इसके बिना किसी उपकरण को कंप्यूटर से जोड़ना असंभव है

जब भी किसी Hardware को कंप्यूटर से जोड़ने के लिए उसका सॉफ्टवेयर इनस्टॉल करते है तो साथ ही उसका ड्राईवर भी इनस्टॉल करते है ताकि सम्बन्ध बनाने में कोई समस्या न हो।

उदाहरण के लिए अगर हमें कोई भी प्रिंटर या Scanner को कंप्यूटर से कनेक्ट करना हो तो उसके लिए उसका Driver होना आवश्यक है। 

Summary Of Software in Hindi

  • सॉफ्टवेयर कंप्यूटर का ही एक पार्ट होता है जिसको हम Execute होने के बाद देख सकते है उसको टच या महसूस नहीं कर सकते है।
  • कोई भी सॉफ्टवेर छोटे-छोटे प्रोगाम का ग्रुप होता है जो कोई विशिष्ट कार्य करने के लिए बनाया जाता है।
  • कंप्यूटर चालू होने के बाद सॉफ्टवेर RAM में लोड होता है और CPU में Execute हो कर Processor के द्वारा प्रोसेस किया जाता है।
  • कंप्यूटर में किसी भी Operation को प्रोसेस करने के लिए ऑपरेटिंग सिस्टम का होना आवश्यक है।

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