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What is Software And Its Types In Hindi

Definition Of Software (सॉफ्टवेर की परिभाषा)
सॉफ्टवेर की एक और कॉमन परिभाषा है की:- “सॉफ्टवेर का Front-End (दिखने वाला भाग) को केवल उपकरणों में देखा जा सकता है इसे स्पर्श या महसूस नहीं किया जा सकता है”
कंप्यूटर में हम जितने भी काम करते है उनको सॉफ्टवेर की बिना करना असंभव ही है क्योंकि बिना किसी सॉफ्टवेर के कोई भी उपकरण उस प्रकार Dead होता है, जिस प्रकार आत्मा निकल जाने के बाद , मरा हुआ शरीर होता है।
कंप्यूटर में सॉफ्टवेयर के द्वारा अनेक काम होते जैसे:- Music playing, Photo Editing, Watching Videos, Playing Video Games, Chatting on social Media, suffering internet, Etc. ये सब काम हम सॉफ्टवेयर के द्वारा ही कर सकते है।
जैसे किसी फोटो को एडिट करना हो तो हम फोटो एडिट करने के लिए फोटोशॉप का उपयोग करते है एवं यदि किसी Song को Remix करना हो तो हम Fl-Studio का उपयोग करते है , इसी प्रकार वीडियो एडिट करने के लिए भी बहुत सारे सॉफ्टवेयर होते है।
Need Of Software (सॉफ्टवेयर की आवश्यकता)
जैसा की हम जानते है, कंप्यूटर, Hardware And Software का एक group है। अगर कंप्यूटर में से Operating System Software को अलग कर दिया जाये तो कंप्यूटर केवल एक खाली इलेक्ट्रॉनिक डिब्बे की सामान ही रहेगा को कोई काम काम का नहीं होता है।
यह इलेक्ट्रॉनिक का खाली डिब्बा तब तक काम नहीं कर सकता जब तक की इसमें Software Install न किया जाये।
लेकिन इसका मतलब यह नहीं है की कंप्यूटर में कुछ भी काम करने के लिए सिर्फ Operating System Software का ही होना जरुरी है। ऑपरेटिंग सिस्टम सॉफ्टवेयर के आलावा भी कुछ अन्य softwares की आवश्यकता होती है।
उदाहरण के लिये:- अगर हमें एक Latter टाइप करना है या फिर कोई Graphic Chart बनाना हो, या एक Presentation बनाना हो एवं किसी डाटा को manage करना हो तो हमें इन सभी कामो को करने के लिए अलग-अलग सॉफ्टवेयर की जरुरत होती है, जिनको हम Application Software कहते है।
सॉफ्टवेयर का development (विकास) कंप्यूटर को आसान बनाने के लिए किया जाता है, इसलिए आज नए – नए सॉफ्टवेयर बनाये जा रहे है।
किसी भी सॉफ्टवेयर को बनाने के लिए अलग-अलग Programming Languages की आवश्यकता होती है एवं अलग-अलग सॉफ्टवेयर को बनाने के लिए भी अलग- अलग प्रोग्रामिंग लैंग्वेज की जरुरत होती है।
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What Is Programming Language
ये सभी Programming Languages है इनके आलावा भी बहुत सारी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज होती है इनकी चर्चा हम आने वाले आर्टिकल में करने वाले है।
Working Of Software In Computer.
जब कंप्यूटर चालू होता है तो सबसे पहले सॉफ्टवेयर कंप्यूटर में लोड होता है, उसके बाद जो कोड उस सॉफ्टवेयर को बनाने में उपयोग किया जाता है वह Machine Language (मशीन भाषा) या बाइनरी लैंग्वेज में कन्वर्ट होता है उसके बाद ही कंप्यूटर उसे समझता है कंप्यूटर को machine language ही समझ आती है।
बाइनरी भाषा में केवल दो ही Character होते है 0 (शुन्य ) और 1 शून्य का मतलब चालू होता है एवं 1 का मतलब बंद होता है।
जिस प्रकार बाइनरी कोड होता है कंप्यूटर उसी प्रकार से कार्य करता है और किसी भी Task को परफॉर्म करता है।
जैसे अगर हम कंप्यूटर में टाइप करते समय कीबोर्ड से A बटन को दबाते है तो कंप्यूटर में सबसे पहले प्रोसेसिंग होगी जिसमे A को इसके decimal number (डेसीमल नंबर) में कन्वर्ट किया जाता है, और उसके बाद इस डेसीमल नंबर को Binary संख्या (1000001) में कन्वर्ट किया जाता है।
इसके बाद ही आपको मोनिटर की screen पर A , Word दिखाई देता है। यह कन्वर्ट करने के process बहुत ही फ़ास्ट होती है हमें सोचने का समय भी नहीं होता है। अन्य प्रोसेस भी कंप्यूटर में इसी प्रकार होती है।
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Types Of Software
![What Is Software And Its Types In Hindi [Powerful & No. 1 Guide] What Is Software And Its Types In Hindi](https://tutorialsfact.com/wp-content/uploads/2020/01/What-Is-Software-And-Its-Types-In-Hindi.webp)
- System Softwares
- Application Softwares
- Utility Softwares
What Is System Software
जैसा की नाम से ही पता चलता की system software सिस्टम से सम्बंधित सॉफ्टवेयर होते है, एक सिस्टम सॉफ्टवेयर वह सॉफ्टवेयर है, जो computer hardware, Softwares, Resources etc. का management करता है। यह कंप्यूटर Programs के लिए Normal Features प्रदान करता है।
दूसरे प्रोग्राम या एप्लीकेशन को चलाने के लिए प्रत्येक कंप्यूटर में System Software होना आवश्यक होता है, जो की किसी एप्लीकेशन जैसे: Chrome, Ms-Word, Games, Paint Brush etc. को चलाने के लिए background में प्रोसेस करके एक Environment (वातावरण) प्रदान करता है।
इस वातावरण में सिस्टम सॉफ्टवेयर Task को perform करता है, System Software कंप्यूटर यूजर और कंप्यूटर हार्डवेयर के बीच में एक Interface प्रदान करता है।
system Software को भी 2 कुछ Category में Devide किया गया है, ये निम्नलिखित प्रकार के होते है।
- Operating System Software
- Language Tanslator
What Is Operating System Softwares
अब जैसे की इसके भी नाम से ही पता चलता है की यह ऑपरेटिंग करने वाला सॉफ्टवेयर है, मतलब की यह एक कंप्यूटर में ओपेरटर की भांति कार्य करता है तथा सभी अन्य सॉफ्टवेयर प्रोसेस करके उनको ऑपरेट करता है।
ऑपरेटिंग सिस्टम का कंप्यूटर में बहुत सारे कार्य होते है। जिनके द्वारा ही एक कंप्यूटर सिस्टम पूर्ण हो पता है या यह कह सकते है की इन कार्यो के बिना कंप्यूटर सिस्टम की कल्पना नहीं हो सकती है।
इसलिए जितनी भी process background में होती है उसको manage करने काम ऑपरेटिंग सिस्टम का ही होता होता है।
ऑपरेटिंग सिस्टम के महत्वपूर्ण कार्य
- File Management
- Process Management
- Memory Management
- Handling Input-Output
- Controlling Peripheral Devices
जैसे अगर हमने कंप्यूटर को किसी फ़ोटो प्रिंट करने के लिये instruction (निर्देश) दिये तो ऑपरेटिंग सिस्टम यहाँ पर Printer Device और Computer के बीच में सम्बंध स्थापित करने का कार्य करता है।
List of operating Systems Software
- Linux
- Windows
- Mac
- Apple
- Android
- Ms-Dos
- Blackberry
- Ubuntu
- EssayCorp
Language Translator Software
- Compiler
- Interpreter
- Assembler
- Debugger
- Linker
- Loader
What is Compiler
Compiler सबसे ज्यादा प्रोग्रामिंग भाषओं द्वारा उपयोग किया जाता है,एक कम्पाइलर सोर्स कोड को मशीन कोड में बदलने का कार्य करता है। यह कंप्यूटर की मेमोरी में बहुत अधिक जगह घेरता है, क्योकि यह प्रोग्राम के पुरे कोड को एक ही बार में कन्वर्ट कर देता है।
अगर Compile करते समय कोई Error आती है तो कम्पाइलर Screen पर उस Error या mistake के बारे में Error-Massage Show कर देता है।
Compiler Executable File को बनाने के लिये Source Code को मशीन कोड में ट्रांसलेट करता है, यह कोड Executable File के Object Code कहलाते है।
प्रोग्रामर इस Executable File को एक कंप्यूटर से दुसरे कंप्यूटर में कॉपी करके इसे उपयोग कर सकते है। Executable File को इंस्टाल करके के ही सॉफ्टवेयर रन होता है।
What is Interpreter
What is Assembler
What is Debugger
क्योकि सॉफ्टवेयर को एक प्रोग्रामर या सॉफ्टवेयर इंजीनियर ही बनता है और स्वाभाविक है की ये इंसान है। तो इंसान से तो गलती हो ही जाती है।
जब प्रोग्रामर सॉफ्टवेयर Develop करता है तो उस समय उससे कोई गलती या सॉफ्टवेयर में कोई कमी रह जाती है, जिसे हम Bug कहते है।
और कभी-कभी ये बग सॉफ्टवेयर के लिये insecure होते है। इसलिए इन्हें ठीक करना बहुत ज़रूरी होता है। क्योंकि इन्ही Bugs का सहारा लेकर Hacker किसी सॉफ्टवेयर एवं वेबसाइट आदि को Hack कर लेते है।
सॉफ्टवेयर या वेबसाइट में से इन Bugs को ढूंडकर पता लगाना और इन्हें ठीक करने की प्रक्रिया Debug कहलाती है।
और जिस सॉफ्टवेयर के द्वारा इस Process को किया जाता है उसे Debugger कहते है।
Debugger, Programming Language में ही In-built (अन्दर ही बने हुए ) होते है।
What is Linker
Linker भी प्रोग्रामिंग भाषा के लिये बहुत सहायक टूल है, जैसा की इसके नाम से पता चलता है की यह लिंक करने का कार्य करता है, यह प्रोग्राम के रन होने के समय पर कार्य करता है।
Linker एक ऐसा प्रोग्राम होता है जो कम्पाइलर के द्वारा बनाये गए सभी objects को Assamble करके उनको Executable File में convert कर देता है
लिंकर प्रोग्राम्स के Objects and Libraries दोनों को लिंक करके एक Executable file Create कर देता है
लिंकर भी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के अन्दर ही जुड़ा होता है। Executable file ही असली सॉफ्टवेयर फ़ाइल होती है।
Whats is Loader
Loader ऐसा प्रोग्राम है जिसके बिना किसी भी सॉफ्टवेयर को रन करना impossible होता है, क्योंकि Loader वह प्रोग्राम होता है, जो Linker के द्वारा बनायीं गयी Executable फाइल या सॉफ्टवेयर को रन करने के लिए कंप्यूटर की Memory में load करता है।
लोड करते समय यह सॉफ्टवेयर के instruction के लिये Memory Address, Provide करता है।
Memory में load होने के बाद ही processor सॉफ्टवेयर के निर्देश को execute कर सकता है।
Generally Loader ओपेराटिंग सिस्टम का ही पार्ट होता है।
What Is Application Software
List Of Important Application Softwares
- Graphical Software
- Database Software
- Web Application Software
- Word Processing Software
- Multi-Media Software
- Education Softwares
Graphical Software:
Database Softwares:
इन application का उपयोग डाटा को Create करने और डाटा को manage करने के लिये किया जाता है ये सॉफ्टवेयर Database Management के लिए Perfect and Suitable है।
इन सॉफ्टवेयर को DBMS सॉफ्टवेयर भी कहा जाता है। इनके द्वारा हम डाटा की इनफार्मेशन को easily Handle कर सकते सकते है and kisi भी डाटा टाइप को control कर सकते है और उसे क्रिएट कर सकते है।
Example:- MS Access, MS Excel, FoxPro, QBase, Oracle And Sysbase को बेस्ट Database एप्लीकेशन कहा जाता है।
Web Browser OR Web Application:
Word Processing Application Software
Multi-Media Softwares:
Multimedia Application का उसे, Media के लिये जाता है जैसे Music and Video play करना, Video Editing and Music Remix करने के लिए इनका उपयोग करते है।
प्रेजेंटेशन के लिए भी Multimedia Software को Use करते है।
Example:- VLC Media Player , Windows Midea Player , Gom Player .
Presentation के लिये Microsoft PowerPoint को use करते करते है।
Video Mix Software – Moviemaker, Cyber Link Power Director, Adobe Premiere Pro
Audio Remix – Fl-Studio, Audiocity, MixPad.
Education Software:-
ये सॉफ्टवेयर भी Academic Software भी कहलाते है ये ख़ासकर Education Purpose से बनाये जाते है।
इन सॉफ्टवेयर की लिस्ट में Forever Growing Garden, Delta Drawing, Fun School, 3D Indiana, ClueFinder Titles ये सब एप्लीकेशन एजुकेशन को ध्यान में रखकर बनाये गये है।
What Is Utility Software
Types OF Utility Softwares –
- Anti Virus
- Device Drivers
- Disk Defragmenter
- Disk Scanner
- Disk Cleaner
- Disk Checker
- System Profiler
Device Drivers:-
ये सॉफ्टवेर भी Operating सिस्टम सॉफ्टवेयर की category में आते है लेकिन ये भी यूटिलिटी कहलाते है।
Device Driver इनके नाम से ही पता चलता है की ये कंप्यूटर में किसी device को चलाने या कंप्यूटर से किसी भी device को connect करने के लिए Device Driver को इनस्टॉल करना आवश्यक होता है, इसके बिना किसी भी उपकरण को कंप्यूटर से जोड़ना असंभव है
जब भी किसी hardware को कंप्यूटर से जोड़ने के लिए उसका सॉफ्टवेयर इनस्टॉल करते है तो साथ ही उसका ड्राईवर भी इनस्टॉल करते है ताकि सम्बन्ध बनाने में कोई समस्या न हो।
उदाहरण के लिए अगर हमें कोई भी प्रिंटर या Scanner को कंप्यूटर से कनेक्ट करना हो तो उसके लिए उसका driver होना आवश्यक है।
Conclusion Of Software
- सॉफ्टवेयर कंप्यूटर का ही एक पार्ट होता है जिसको हम Execute होने के बाद देख सकते है उसको टच या महसूस नहीं कर सकते है।
- कोई भी सॉफ्टवेर छोटे-छोटे प्रोगाम का ग्रुप होता है जो कोई विशिष्ट कार्य करने के लिए बनाया जाता है।
- कंप्यूटर चालू होने के बाद सॉफ्टवेर RAM में लोड होता है और CPU में execute हो कर processor के द्वारा प्रोसेस किया जाता है।
- कंप्यूटर में किसी भी operation को प्रोसेस करने के लिए ऑपरेटिंग सिस्टम का होना आवश्यक है।
- सॉफ्टवेयर को 3 पार्ट में बांटा गया है System Software, Application Software, Utility Software.
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